सुहागरात पर लड़कियों की वर्जिनिटी साबित करने के लिए अमेजॉन पर बिक रहे ब्लड कैप्सूल से सोशल मीडिया पर मचा बवाल

सुहागरात पर लड़कियों की वर्जिनिटी साबित करने के लिए अमेजॉन पर बिक रहे ब्लड कैप्सूल से सोशल मीडिया पर मचा बवाल

हमारा समाज इतना दकियानूसी है कि एक औरत को सुहागरात पर साबित करना पड़ता है कि वह वर्जिन है और कुछ भी बेचने वाला बाजार भी इसे भुना रहा है, इसीलिए आनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेजॉन ने की है यह घटिया हरकत…

दो साल पहले आनलाइन शॉपिंग की सबसे बड़ी कंपनी अमेजॉन डॉट कॉम ने औरत के गुप्तांग में सिगरेट बुझाने वाला विज्ञापन दिया था, जिसका सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर बहिष्कार किया गया था, अब उसने ऐसी ही एक और वाहियात हरकत की है। अमेजॉन पर एक ऐसे प्रोडक्ट का विज्ञापन है, जिसमें साफ लिखा है कि अपनी वर्जिनिटी को सुहागरात पर कन्फर्म करें! इसमें स्त्रियों को बताया गया है कि आप इसे किस तरह यूज करें और कैसे। यानी अमेजॉन अब सुहागरात के रक्त का भी बाजारीकरण कर रहा है, महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहा है अपनी वर्जिनिटी आप एक कैप्सूल से साबित कर सकती हैं।

सोशल मीडिया पर इस बेहूदे विज्ञापन का खूब विरोध हो रहा है। लोग कह रहे हैं कि हमारा समाज इतना दकियानूसी है कि एक औरत को सुहागरात पर साबित करना पड़ता है कि वह वर्जिन है और कुछ भी बेचने वाला बाजार भी इसे भुना रहा है, इसलिए तो अमेजॉन ने इतनी घटिया हरकत की है। अमेजॉन स्पेशिली भारत में सुहागरात के लिए ब्लड कैपसूल बेच रहा है, जिससे कि दुल्हन अपनी वर्जिनिटी साबित कर सके। सोशल मीडिया पर लोग खासकर महिलायें इसका कड़ा विरोध कर रही हैं। बड़े पैमाने पर लोग कह रहे हैं कि ऐसा उत्पाद बेचना जिससे सुहागरात के दिन महिला को अपनी फेक वर्जिनिटी दिखा सके, इसका क्या मतलब है।

क्या अमेजन सदियों पुरानी भारत की गलत परंपरा को आगे बढ़ाना चाहता है, जिसमें सास दुल्हन को एक सफेद चादर इसलिए पकड़ाती है कि यह देखा ​जाये कि पहली बार सेक्स के बाद दुल्हन के गुप्तांग में से खून निकलता है या नहीं। यही खून यह साबित करता था कि दुल्हन वर्जिन है, यानी उसने शादी से पहले किसी के साथ सेक्स नहीं किया है। हालांकि बढ़ते विवाद को देखते हुए अमेजॉन ने फिलहाल ब्लड कैप्सूल की बिक्री पर रोक लगा दी है, मगर इसने एक बहस तो जरूर खड़ी कर दी है।

सोशल मीडिया पर इसका विरोध करते हुए लेखिका डॉ. सोनाली लिखती हैं, ‘बाज़ार आ गया है इतना कि वह हमारी सुहागरात के दिन अक्षत योनि का खून भी बेचने लगा है। अमेजन पर खुले आम आपकी योनि को अक्षत दिखाने की होड़ चल रही है। इस तरह के प्रोडक्ट बताते हैं कि भीतर से हम सब कितने खोखले हैं। भीतर से हम सब वही है, कि हमें स्त्री एकदम अक्षत योनि की चाहिए, हम चाहे कितनी भी स्त्रियों के भीतर गए हों! यह प्रोडक्ट केवल स्त्री ही विरोधी नहीं है, बल्कि यह समाज विरोधी भी है। यदि यह बिक रहे हैं और लाभ ही हो रहा होगा, तो इसका अर्थ यह है कि इसे जमकर खरीदा जा रहा है।

अब प्रश्न यह है कि क्या इस प्रोडक्ट को पुरुष खरीद रहे हैं या फिर स्त्रियाँ भी? पुरुष तो यह खरीद कर अपनी होने वाली पत्नी को देंगे नहीं, तो जाहिर है कि यह या तो स्त्रियाँ खुद खरीद रही होंगी या फिर उनके घर की स्त्री सदस्याएं! यदि यह उत्पाद स्त्रियाँ खरीद रही हैं कि वह अपने पति के सामने कथित पवित्र घोषित हो जाएँगी। यह पवित्रता की अवधारणा क्या आज तक उनके दिमाग में बनी हुई है? या वह ऐसा करके समाज की उस कुरीति को पोषित नहीं कर रही हैं?’

डॉ. सोनाली आगे लिखती हैं, अक्षत योनि के प्रति पुरुष की लालसा ही इसके लिए उत्तरदायी है। हर लम्पट से लम्पट पुरुष को अपने लिए सीता जैसी कन्या चाहिए होती है। यह सभी जानते हैं कि आज के समय में या पहले भी शादी से पूर्व संपर्क में आना आम बात है, यह संपर्क कितना और किस हद तक आगे बढ़ता है, यह भी केवल दो लोगों के ही बीच रहता है। पुरुष और स्त्री के रूप में हम इतने जड़ क्यों हैं कि बाज़ार इन जड़ताओं का लाभ उठा रहा है।

‘वह लिखती हैं, ‘हमें उसी दिन विरोध करना था, जब बाज़ार लड़कियों को केवल उत्पाद दिखा रहा था, पुरुषों के अंडरवियर को देखते ही उस पर चुम्बनों की बौछार होने लगती है, और इस तरह हमने लड़की को खुले बाज़ार में यह दिखाते हुए रख दिया कि वह किसी भी अंडरवियर से प्रभावित हो जाएगी। अब पुरुष इसी सिद्धांत से देखता है और जब वह सभी लड़कियों को सुलभ मानेगा, ऐसे में खुद के लिए कोने में बैठी हुई सिकुड़ी हुई एक ऐसी दुर्लभ कन्या खोजेगा, जिस पर पुरुष का साया नहीं पड़ा, हाँ, कमा वह भी उसके जितना रही हो या उससे थोड़ा सा कम!’

hardik koshiya

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