हनुमान दादा का ऐसा मंदिर जहां सोई हुई अवस्था में देखने मिलते है दादा, जानिए इस दादा का इतिहास

हमारे भारत में कई धार्मिक मंदिर हैं। इन मंदिरों के पीछे एक रहस्य छिपा है। हजारों भक्त इन मंदिरों में अपनी मनोकामनाएं पूरी करने आते हैं। प्रत्येक मंदिर के पीछे एक गौरवशाली इतिहास है। आज मैं आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताऊंगा देखा।
आज भी कलियुग में हनुमान दादा अपने भक्त को वास्तविक दर्शन दे रहे हैं। वह किसी भी रूप में आकर भक्त को संकट से निकलने का रास्ता बताते हैं। प्रयागराज नायक के प्राचीन मंदिर में हनुमान दादा की एक अनूठी प्रतिमा स्थापित की गई है।
उत्तर प्रदेश राज्य में प्रयागराज हनुमान दादा का एक छोटा लेकिन बहुत प्राचीन मंदिर है। यह एकमात्र मंदिर है जहां हनुमान दादा अपनी तरफ लेटे हुए पाए जाते हैं। ऐसी भी कहानियां हैं कि लाखों भक्त हनुमान दादा को नमन करने आते हैं फुटपाथ पर है ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
एक बार नदी के रास्ते में हनुमानजी की एक मूर्ति ले जाने वाला एक व्यापारी, व्यापारी हनुमान दादा का बहुत बड़ा भक्त था। जब यह मूर्ति मिली, तो भारत पर मुस्लिम शासक अकबर राजा का शासन था, जिन्होंने जीतने के लिए हनुमान दादा की मूर्ति की स्थापना की। हिंदुओं का दिल कहा जाता है कि अकबर इस मूर्ति के सामने अपना सिर झुकाते थे।