ये मंदिर भक्तो को दर्शन देने के बाद समुद्र में गायब हो जाता है, जाने ये चमत्कार कैसे होता है

दक्षिण गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ महादेव के दर्शन मात्र से ही भरूच जिले के जंबूसर तालुका में कंबोई-कवि के श्री स्तम्भेश्वर तीर्थधाम के संगमघाट पर स्थापित शिवालय को देखकर ही ग्रहों की दिशा और स्थिति अपने आप बदल जाती है। देवाधिदेव महादेव को उनके प्रिय महाशिव रात्रि उत्सव के अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु इस पवित्र मंदिर में आएंगे।
स्कंद पुराण में उल्लेख है कि श्री स्तम्भेश्वर शिवलिंग की स्थापना शिवपुत्र कार्तिकेय ने वैदिक काल में की थी। दरिया लालजी इस शिवलिंग पर अदभुत प्राकृतिक सौन्दर्य की गहराइयों में अपना अभिषेक करते हैं। यह अलौकिक दृश्य केवल भाग्यशाली लोग ही देखते हैं। इस नजारे को देखने के लिए भक्त हमेशा तैयार रहते हैं।
गुप्तेश्वर तीर्थ के नाम से प्रसिद्ध श्री स्तम्भेश्वर शिवलिंग समुद्र की गोद में विराजमान है। उच्च ज्वार के समय दरिया लालजी लगातार 3 घंटे में दो बार शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। बस इस तीर्थ में स्नान करने से ग्रहों की स्थिति और दिशा शांत हो जाती है।
इस तीर्थ के संगम पर किया गया नामजप-तप-स्नान-श्रद्धा और पिंडना अति उत्तम है। खासकर शनिवार की अमावस्या के दिन सोमवार अमावस्या के दिन की जाने वाली पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है.
इस तीर्थ के संस्थापक पू विद्याानंदजी महाराज ने कहा कि श्री स्तम्भेश्वर तीर्थ के एक दर्शन मात्र से ही सुर्वे तीर्थों के दर्शन करने का पुण्य प्राप्त होता है।